Monday, July 23, 2018

कुछ नया ....

आज मैंने कुछ नया देखा है ....

पत्तियों को हवा के साथ लहराता देखा है ,
चिड़ियों की चहचाहट और पतंगों को उड़ते देखा है ,
हवा में मिट्टी को बहते देखा है ,
बच्चों का दादी से प्यार देखा है।

आज मैंने कुछ नया सीखा है ....

पत्तो का हवा से वात्सल्य सीखा है ,
चिड़ियों की चहचाहट में राग को सीखा है ,
मिट्टी की अस्थिरता को सीखा है ,
दादी -पोते के प्यार को सीखा है।

खाने के लिए उछलता-कूदता देखा है ,
लोगो की हँसी को महसूस करना सीखा है,
नए चरण में उतरते देखा है ,
नया बनने की कोशिश करना सीखा है।

 आज मैंने कुछ नया देखा है ,
 आज मैंने कुछ नया सीखा है। 
 
 चीटियों को गिरते -चढ़ते देखा है ,
 चीटियों से मेहनत करना सीखा है।
 किसी को दुःख में दुःखी  देखा है 
 तो किसी के दुःख को बाँटना सीखा है। 
 नया बदलाव होते हुए देखा है ,
 जीवन में बदलाव करना सीखा है। 

आज मैंने कुछ नया देखा है ,
आज मैंने कुछ नया सीखा है।

 

 
 
 

7 comments:

Featured Post

नारी-शक्ति

एक सुन्दर ,सलोनी प्यारी सी  लड़की की ये कहानी है।  जिसकी शादी थी दो दिन में बदली उसकी जिन्दगानी है।  जा रही थी वह बाज़ार कुछ अँध...