Sunday, July 29, 2018

सपना बाबुल का....... बिदाई

एक किलकारी गूँजी है ,
डॉक्टर बोला बेटी है। 
बाबा ख़ुश माँ भी खुश ,
बेटी लायी पूरा सुःख। 

सालभर की हो गई लाड़ली,
माँ-बाप की प्यारी बावली। 
चलना सिखाया खूब खिलाया ,
रोइ ख़ूब तो शोर मचाया। 

समय बीता तेजी से ,
पौधा बड़ा जल्दी से। 
माँ -बाप को चिंता है ,
बेटी का ब्याह करवाना है। 

रिश्ते आये खूब आए  ,
कभी पसंद आये तो कभी नी आए। 
एक रिश्ता आया है ,
जो सभी को भाया है। 

बात हो गयी पक्की ,
रिश्ता होगा पूरा जल्दी। 
पंडित आया पैगाम लाया ,
ब्याह कब होगा यह बताया। 

हुई तैयारिया मची धूम ,
बुलावा भेजा सबको ख़ूब। 

ब्याह हुआ अच्छे से ,
पूरे हुए अरमां अपने से। 
रोना आया माँ-बाप को।,
बेटी बोली याद रखना मुझको। 

रखा जिसे पलकों की छाँव में ,
चली बिटिया नए राह में। 
बाबुल का अँगना छूट गया ,
माँ का पल्लू रह गया। 

बेटी बोली बाबुल से ,
रखना ख्याल अच्छे से। 
बाबुल बोला बेटी से ,
मेरा अँगना छोड़ दिया तूने। 

चली छोड़ तू मेरा अँगना ,
बनाना नए घर को अपना। 
माइके को याद न करना ,
ससुराल में नाम कमाना। 

तेरी लाज से मेरी लाज है ,
तुझ पर मेरा जीवन कुर्बान है।


8 comments:

Featured Post

नारी-शक्ति

एक सुन्दर ,सलोनी प्यारी सी  लड़की की ये कहानी है।  जिसकी शादी थी दो दिन में बदली उसकी जिन्दगानी है।  जा रही थी वह बाज़ार कुछ अँध...