Sunday, July 22, 2018

आँसु

ख़ुशी आए या गम छाए
आँसु हम हर पल बहाए 
 है हमारा जन्मसिद्ध अधिकार 
आँसु बहाए हम हर बार 

दुःखो की बहार आँसुओ के साथ 
सुखों के द्वार आँसुओ के हाथ 
बने माँ -बाप तब आँसु 
मरे माँ -बाप तब भी आँसु 

रिश्ते जुड़े तब आँसु 
रिश्ते टूटे तब भी आँसु 
आँसु आँसु कितने आँसु 
इधर आँसु उधर आंसू 
क्या सदाबहार है ये आँसु ?

जीना है तब आँसु 
मरना है तब भी आँसु 
ख़ुशी के आँसु , दुःख के आँसु
कितने प्रकार के है यह आँसु  

आँसु जीवन का है एक अंग 
जब हो भंग , तब चढ़ेरंग 
एक-एक लाख का है  एक मोती 
जीवन की एक अदृश्य ज्योति

11 comments:

Featured Post

नारी-शक्ति

एक सुन्दर ,सलोनी प्यारी सी  लड़की की ये कहानी है।  जिसकी शादी थी दो दिन में बदली उसकी जिन्दगानी है।  जा रही थी वह बाज़ार कुछ अँध...