प्रभु भक्ति में मन लगा है ,
दिल मेरा ईश्वर से जुड़ा है।
तुम हो खुदा तुम हो कृपालु ,
तुम हो नानक तुम ही दयालु।
दीप ज्योत जलाकर और छोडकर सारे काम ,
ले रहा हूँ भक्ति में भगवन मेरे आपका नाम।
प्रस्तुत है मेरे भाव आपके समक्ष में ,
भक्त हूँ मैं आपका कहता हूँ इस उपलक्ष में।
मन मोहे राम बसे ,
मन तुझमें लगाऊँ कैसे
दिल मोहे गोपाल बसे ,
दिल तुझसे मिलाऊँ कैसे।
नैनो में मेरे महावीर बसे ,
नैनो को तुझसे जोड़ूँ कैसे
कानों में मेरे बुद्धा बसे
ध्वनि तेरी मैं सुनू कैसे।
सपनों में मेरे ख़ुदा बसे ,
सपनें तेरे मैं देखू कैसे
आवाज़ में मेरे नानक बसे
आवाज़ तुझे मैं दूँ कैसे।
ध्यान में मेरे जीजस बसे ,
ध्यान तुझ पर लगाऊँ कैसे
आत्मा में मेरे शिव बसे
आत्मा को तुझसे मिलाऊँ कैसे।
अभ्युत्कर्ष
अभ्युत्कर्ष
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