Thursday, September 27, 2018

कसौटी ज़िन्दगी के


चाहत की कसौटिया कई है राहों में ,
पर इनका हल सही हमदर्द की बाहों में। 

ज़िंदगी के सफ़र में हौसले टूट जाते है ,
पर मुक़म्मल ज़िन्दगी का सच्चे हमदर्द के साथ पाते है। 

कभी कभी ऐसा होता है ये कसौटिया हमे बहुत कुछ सिखाती है ,
कौन सच्चा है कौन झूठा है ,
कौन अपना है कौन बेगाना है ,
इनकी पहचान हमें ये कराती है। 

जैसे बच्चो का अगली में जाने के लिए एग्जाम का होना जरुरी है ना 
वैसे ही ज़िन्दगी में आगे बढ़ने के लिए इन कसौटियों को पार करना नैसेसिरि है। 

ये हमे अगर कुछ देती है तो कुछ न कुछ लेती है ,
गम में अगर रुलाती है तो खुशियों में हँसाती है। 

वो ज़िन्दगी ज़िन्दगी नहीं जिसमे कसौटी न हो ,
वो राह राह नहीं जिसमे मंजिल की छह न हो। 

जिंदगी की इन कसौटियों को पार हमे करना है ,
श्रेष्ठ नहीं सर्वश्रेष्ठ बनकर आगे हमे बढ़ना है। 

इन कसौटियों का एन्ड तभी होगा ,
जब मन में हमारे हौसला बुलन्द होगा। 

तो अब से इन कसौटियों को कहो हैल्लो ,
और डरकर नहीं डटकर आगे बढ़लो।

Wednesday, September 26, 2018

श्री गणेश


नीलकंठ के हो तुम दुलारे ,
मैया पार्वती के प्यारे सितारे। 
कार्तिकेय के तुम हो भ्राता ,
रिद्धि -बुद्धि-सिद्धि के तुम हो ज्ञाता। 

शिव जी के तुम वंश हो ,
मैया पार्वती के अंश हो।
सुख दाता हो दुःख हर्ता ,
मांगलिक पर्व के तुम कर्ता हो। 

एकदन्त हो , लम्बोदर हो 
गौरिसुत हो ,लंबकर्ण हो। 
तुम हो महेश्वेर तुम हो प्रथमेश्वर ,
तुम हो धार्मिक तुम ही कवीश्वर। 

आमोद -प्रमोद के तुम प्रेमी ,
मूषक वाहन के तुम हो स्वामी। 
बुद्धि के तुम ईश्वर हो ,
तुम ही तो हमारे विघ्नेश्वर हो। 

मनोमय हो , मृत्युंजय हो ,
तुम तो हमारे रुद्रप्रिय हो। 
सुमुख स्वरुप सी तुम्हारी काया ,
भक्तों का तुम बनते साया। 

गणपति बाप्पा जय हो तुम्हारी ,
अगले बरस की शीघ्र करना तैयारी। 

पहला प्यार


वो  रात बारिश वाली थी ,
जब  कायनात ने हमे मिलाने की साज़िश रची थी। 

जैसे बारिश की बूंदों का एहसास कुछ खास होता है ना 
वैसे ही पहली नज़र का प्यार होता है। 
कुछ अलग कुछ जुदा,
जस्ट लाइक रोटी विथ नुटेला। 

मैं सामान खरीद रहा था और बारिश को कोस रहा था,
मगर वो बारिश की बूंदों से खेल रही थी,
उन्हें छू रही थी छप - छप कर रही थी। 

मेरी नज़रे उस पर पड़ी ,
साँसे मेरी एकदम से रुकी। 
वो गीले गीले बाल और उसकी पलकों का झपकना ,
फिर मेरे दिल की धड़कनो का तेज तेज चलना। 

ये पहली नज़र का पहला प्यार था ,
जिसका खुमार कुछ अलग ही था। 

जो बारिश पसंद न थी 
वो अब अच्छी लगने लगी। 
दीवाने की दीवानगी 
अब और बढ़ने लगी। 

बारिश प्यार का सिम्बल है ये तो पता था ,
पर ये हकीकत में होगा ये नहीं जनता था।
ये फीलिंग्स डेट आई कैंट एक्सप्रेस ,
इट फील्स ग्रेट व्हेन यू फाइंड योर प्रिंसेस। 

लेकिन वो एज यूजवल मेरी न थी ,
हर लव स्टोरी हैप्पी हो ऐसा कहीं लिखा नहीं।
हर लव स्टोरी पूरी हो कांट से ,
पर हर लव स्टोरी में चाहत बेशुमार हो वी कैन से। 

याद रहेगी मुझे आँखे वो जुल्फे ,
उसकी वो छप छप और वो बारिश वाले नगमे। 

हर इंसान के साथ एक बार ऐसा होता है ,
जब लव एट फर्स्ट साईट का रंग उस पर चढ़ता है। 
ये रंग बहुत ही खास है 
क्यूँकि ये पहले प्यार का पहला एहसास हैं।

Tuesday, September 4, 2018

अधूरी कहानी भाग - 2 Adhuri Kahani Part - 2



वो शादी की रात थी जब हम ह में पहली बार मिले थे ,
मेरे हाथ में रुमाल था और उसके कपड़े ज़रा गीले थे। 
बस रुमाल ने हमे मिलाया था ,
जिस पर उसकी निशानी को मैंने पाया था। 
इतनी हड़बड़ी में हुआ था ये सब ,
पता नहीं चला समय बीत गया कब। 

एंजेल प्रिया , प्रिंसेस बेबी फेसबुक पर बहुत है ,
पर मेरी जो प्रिंसेस है वो यहाँ से गायब है। 

भला हो उस शादी का जहाँ अपन फिर मिले ,
लाल ड्रेस तुम्हारी थी और और फेस पर मेरे ख़ुशहाली थी। 

सोचा तुमसे बाते करू 
अपने जज़्बातों को बयाँ करू। 
तुम्हारी स्माइल को देखूँ ,
और दिल में तुम्हारी छवि बनाऊँ। 

आने वाला था मैं तुम्हारे पास ,
पता चला तुम हो किसी और के पास। 
मिस नहीं तुम मिसेस हो ,
मेरी नहीं किसी और की प्रिंसेस हो। 

चेहरे पर तुम्हारे लाली थी मांग में सिन्दूर था ,
पर दिल में न जाने क्यों तुम्हारा ही फितूर था। 

समझाया मन को मैंने मेरे ,
दिल में कोई और है तेरे। 

एक तरफ़ा चाहत थी तू मेरी ,
जिसमे आशिकी थी आधी -अधूरी। 

जिसे चाहा था पहली दफ़ा ,
जिसे माँगा था रब से सदा। 
अब उसे भूलना होगा ,
कहानी का यहाँ दी एन्ड करना होगा। 

एक तरफ़ा मौहब्बत मेरी थी ,
लेकिन मेरे दिल की मंज़ूरी पूरी थी। 

ये एहसास बहुत ही अज़ीब है ,
एक तरफ़ा चाहत का अपना ही नसीब है। 

तू खुश रहना उसके लिए ,
मैं खुश हूँ तेरे लिए। 
कुछ न कहूँगा अब तुझे ,
मानेगा तो अब रब मुझे। 

सात जन्मों का है तेरा उसका नाता ,
मगर आठवें जन्म का रब ने किया मुझसे वादा। 
आठवें जन्म में अपन मिलेंगे ,
कहानी का नया अध्याय लिखेंगे।

अधूरी कहानी Adhuri Kahani


कहते है भगवान ने हर किसी के लिए किसी को बनाया है ,
शायद इसी कारण उसने हमे उस दिन मंदिर में मिलाया है। 

टूरिस्ट तुम थी पर गाइड मैं था ,
क्वेश्चन तुम्हारा था पर फर्स्ट क्रश मेरा था। 

आजकल फेसबुक का बड़ा सहारा है ,
कई प्रेम कहानियों की कश्ती का ये किनारा है। 

स्लोली -स्लोली चुपके -चुपके चैटिंग होना शुरू हुई ,
टूरिस्ट-गाइड से क्लोज फ्रेंड बनने की कहानी बुनना शुरू हुई। 

रिश्ता ऐसा बढ़ता गया ,
शादी का सपना संजोया गया। 

लेकिन वो लव स्टोरी का जिसमे ट्रायंगल न हो ,
और वो परिवार क्या जिसमे दीदी का देवर न हो। 

घरवालों ने जब दीवाने देवर से रिश्ता तुम्हारा तय किया ,
मेरे दिल की धड़कनों ने धड़कना ने ज़रा कम किया। 

भगवान् को भी शायद ज़रा तरस आया होगा ,
इसी कारण उसने दीवाने देवर का पर्दाफ़ाश करा होगा। 

रिश्ता टूटा जल्दी से ,
उम्मीदे बड़ी फुर्ती से। 

मगर भगवान् ने कुछ और ही चाहा था ,
इसी कारण उसे बीच राह में बुलाया था। 

कैसा तू निष्ठुर है  ?
प्रेम कहानी का दुश्मन है । 
जिस अग्नि के साथ फेरे लेना हम चाहते थे ,
उसी अग्नि से तूने उसे जिन्दा  जिन्दा जलाया था।    

वो चली गई बस चली गई ,
अकेले मुझे इस दुनिया में छोड़ गई। 

बस उसकी वो बाते है और वो मुलाकातें है ,
कुछ पुरानी निशानियाँ  और वो हसीन राते है। 

अगले जन्म में फिर मिलेंगे ,
प्यार की नई कहानी बुनेगें। 

दुनियाँवाले देखते रह जायेंगे ,
ये दिलवाले तो अपनी दुल्हनिया ले जायेंगे।

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