वो शादी की रात थी जब हम ह में पहली बार मिले थे ,
मेरे हाथ में रुमाल था और उसके कपड़े ज़रा गीले थे।
बस रुमाल ने हमे मिलाया था ,
जिस पर उसकी निशानी को मैंने पाया था।
इतनी हड़बड़ी में हुआ था ये सब ,
पता नहीं चला समय बीत गया कब।
एंजेल प्रिया , प्रिंसेस बेबी फेसबुक पर बहुत है ,
पर मेरी जो प्रिंसेस है वो यहाँ से गायब है।
भला हो उस शादी का जहाँ अपन फिर मिले ,
लाल ड्रेस तुम्हारी थी और और फेस पर मेरे ख़ुशहाली थी।
सोचा तुमसे बाते करू
अपने जज़्बातों को बयाँ करू।
तुम्हारी स्माइल को देखूँ ,
और दिल में तुम्हारी छवि बनाऊँ।
आने वाला था मैं तुम्हारे पास ,
पता चला तुम हो किसी और के पास।
मिस नहीं तुम मिसेस हो ,
मेरी नहीं किसी और की प्रिंसेस हो।
चेहरे पर तुम्हारे लाली थी मांग में सिन्दूर था ,
पर दिल में न जाने क्यों तुम्हारा ही फितूर था।
समझाया मन को मैंने मेरे ,
दिल में कोई और है तेरे।
एक तरफ़ा चाहत थी तू मेरी ,
जिसमे आशिकी थी आधी -अधूरी।
जिसे चाहा था पहली दफ़ा ,
जिसे माँगा था रब से सदा।
अब उसे भूलना होगा ,
कहानी का यहाँ दी एन्ड करना होगा।
एक तरफ़ा मौहब्बत मेरी थी ,
लेकिन मेरे दिल की मंज़ूरी पूरी थी।
ये एहसास बहुत ही अज़ीब है ,
एक तरफ़ा चाहत का अपना ही नसीब है।
तू खुश रहना उसके लिए ,
मैं खुश हूँ तेरे लिए।
कुछ न कहूँगा अब तुझे ,
मानेगा तो अब रब मुझे।
सात जन्मों का है तेरा उसका नाता ,
मगर आठवें जन्म का रब ने किया मुझसे वादा।
आठवें जन्म में अपन मिलेंगे ,
कहानी का नया अध्याय लिखेंगे।
👍👍
ReplyDeleteThank you
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