Tuesday, September 4, 2018

अधूरी कहानी भाग - 2 Adhuri Kahani Part - 2



वो शादी की रात थी जब हम ह में पहली बार मिले थे ,
मेरे हाथ में रुमाल था और उसके कपड़े ज़रा गीले थे। 
बस रुमाल ने हमे मिलाया था ,
जिस पर उसकी निशानी को मैंने पाया था। 
इतनी हड़बड़ी में हुआ था ये सब ,
पता नहीं चला समय बीत गया कब। 

एंजेल प्रिया , प्रिंसेस बेबी फेसबुक पर बहुत है ,
पर मेरी जो प्रिंसेस है वो यहाँ से गायब है। 

भला हो उस शादी का जहाँ अपन फिर मिले ,
लाल ड्रेस तुम्हारी थी और और फेस पर मेरे ख़ुशहाली थी। 

सोचा तुमसे बाते करू 
अपने जज़्बातों को बयाँ करू। 
तुम्हारी स्माइल को देखूँ ,
और दिल में तुम्हारी छवि बनाऊँ। 

आने वाला था मैं तुम्हारे पास ,
पता चला तुम हो किसी और के पास। 
मिस नहीं तुम मिसेस हो ,
मेरी नहीं किसी और की प्रिंसेस हो। 

चेहरे पर तुम्हारे लाली थी मांग में सिन्दूर था ,
पर दिल में न जाने क्यों तुम्हारा ही फितूर था। 

समझाया मन को मैंने मेरे ,
दिल में कोई और है तेरे। 

एक तरफ़ा चाहत थी तू मेरी ,
जिसमे आशिकी थी आधी -अधूरी। 

जिसे चाहा था पहली दफ़ा ,
जिसे माँगा था रब से सदा। 
अब उसे भूलना होगा ,
कहानी का यहाँ दी एन्ड करना होगा। 

एक तरफ़ा मौहब्बत मेरी थी ,
लेकिन मेरे दिल की मंज़ूरी पूरी थी। 

ये एहसास बहुत ही अज़ीब है ,
एक तरफ़ा चाहत का अपना ही नसीब है। 

तू खुश रहना उसके लिए ,
मैं खुश हूँ तेरे लिए। 
कुछ न कहूँगा अब तुझे ,
मानेगा तो अब रब मुझे। 

सात जन्मों का है तेरा उसका नाता ,
मगर आठवें जन्म का रब ने किया मुझसे वादा। 
आठवें जन्म में अपन मिलेंगे ,
कहानी का नया अध्याय लिखेंगे।

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