Thursday, September 27, 2018

कसौटी ज़िन्दगी के


चाहत की कसौटिया कई है राहों में ,
पर इनका हल सही हमदर्द की बाहों में। 

ज़िंदगी के सफ़र में हौसले टूट जाते है ,
पर मुक़म्मल ज़िन्दगी का सच्चे हमदर्द के साथ पाते है। 

कभी कभी ऐसा होता है ये कसौटिया हमे बहुत कुछ सिखाती है ,
कौन सच्चा है कौन झूठा है ,
कौन अपना है कौन बेगाना है ,
इनकी पहचान हमें ये कराती है। 

जैसे बच्चो का अगली में जाने के लिए एग्जाम का होना जरुरी है ना 
वैसे ही ज़िन्दगी में आगे बढ़ने के लिए इन कसौटियों को पार करना नैसेसिरि है। 

ये हमे अगर कुछ देती है तो कुछ न कुछ लेती है ,
गम में अगर रुलाती है तो खुशियों में हँसाती है। 

वो ज़िन्दगी ज़िन्दगी नहीं जिसमे कसौटी न हो ,
वो राह राह नहीं जिसमे मंजिल की छह न हो। 

जिंदगी की इन कसौटियों को पार हमे करना है ,
श्रेष्ठ नहीं सर्वश्रेष्ठ बनकर आगे हमे बढ़ना है। 

इन कसौटियों का एन्ड तभी होगा ,
जब मन में हमारे हौसला बुलन्द होगा। 

तो अब से इन कसौटियों को कहो हैल्लो ,
और डरकर नहीं डटकर आगे बढ़लो।

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